शम्स तबरेज़ी वाक्य
उच्चारण: [ shems tebrejei ]
उदाहरण वाक्य
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- खंड तीन में कुल्लियाते दीवाने शम्स तबरेज़ी की गज़लें बेनज़ीर प्रस्तुति है।
- कुल्लियाते दीवाने शम्स तबरेज़ी, और मसनवी मानवी,ये रूमी की रचनाओं के दो मुख्य ग्रंथ हैं।
- कुल्लिया ते दीवा ने शम्स तबरेज़ी में ग़ज़ल संख्या १ २ ८, २.
- कुल्लिया ते दीवा ने शम्स तबरेज़ी में ग़ज़ल संख्या ६ ८ ३, २.
- कुल्लियाते दीवाने शम्स तबरेज़ी, और मसनवी मानवी, ये रूमी की रचनाओं के दो मुख्य ग्रंथ हैं।
- मनाक़िब ए आरिफ़ीन में अफ़लाकी रूमी के मुर्शिद शम्स तबरेज़ी के एक अजीब किस्से को जगह देते हैं जो कि कुछ यूँ है:
- मनाक़िब ए आरिफ़ीन में अफ़लाकी रूमी के मुर्शिद शम्स तबरेज़ी के एक अजीब किस्से को जगह देते हैं जो कि कुछ यूँ है:
- उनका मक़सद शम्स तबरेज़ी को बदनाम करना था; रूमी ने रूपक में जवाब दिया, “यह इस बात पर टिका है कि पीने वाला कौन है?
- शम्स तबरेज़ी के लेखों, मौलाना रोम की मसनवी के प्रथम भाग, तथा अत्तार नैशापूरी के “ असरार नामे ” में चूहे और ऊंट की कहानी अलग-2 रूपों में दिखायी पड़ती है।
- समारोह के मुख्यातिथि जनाब शम्स तबरेज़ी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘ आज के युग में साहित्य से जुड़ने की बहुत ज़रूरत है क्योंकि हम अपनी जड़ों व जीवन मूल्यों से दूर होते जा रहे हैं।
- और ये इस्मायली ही थे जिन्होने सबसे पहले क़ुरान के ज़ाहिरी अर्थ को नकार कर बातिनी (छिपे हुए) अर्थों पर ज़ोर दिया, और रूमी को ज़ाहिरी दुनिया को नकार कर रूह की अन्तरयात्रा की प्रेरणा देने वाले शम्स तबरेज़ी ही थे।
- और ये इस्मायली ही थे जिन्होने सबसे पहले क़ुरान के ज़ाहिरी अर्थ को नकार कर बातिनी (छिपे हुए) अर्थों पर ज़ोर दिया, और रूमी को ज़ाहिरी दुनिया को नकार कर रूह की अन्तरयात्रा की प्रेरणा देने वाले शम्स तबरेज़ी ही थे।
- किसी रोज़ कुछ ढीठ मुफ़्तियों ने रूमी से पूछा कि शराब हराम है कि हलाल? उनका मक़सद शम्स तबरेज़ी को बदनाम करना था ; रूमी ने रूपक में जवाब दिया, “ यह इस बात पर टिका है कि पीने वाला कौन है?
- फिर बात जब गुलज़ार की हो रही हो, जो स्वयं अपनी अभिव्यक्ति की सहज छायाएँ बुल्लेशाह, बाबा फ़रीद, कुतुब कुलीशाह, शम्स तबरेज़ी एवं नानक में ढूँढते हों, तब यह बात आसानी से स्थापित हो जाती है कि प्रेम में इतनी उदात्त भावना की प्रतिष्ठा किस तरह उनके शायर को उपलब्ध हो सकी है.
- शम्स तबरेज़ी ने जब भरे बाज़ार में रूमी का गधा रोक लिया और उनसे पूछा कि बता, मुहम्मद बड़ा कि बिस्तामी, तो रूमी उस वक़्त तो गश खाकर गिर पड़े मगर बाद में बताया कि इस का जवाब सोचते हुए उनके दिमाग़ में एक खिड़की खुली, उस से धुआँ निकला और अर्श की तरफ़ चला गया।
- शम्स तबरेज़ी ने जब भरे बाज़ार में रूमी का गधा रोक लिया और उनसे पूछा कि बता, मुहम्मद बड़ा कि बिस्तामी, तो रूमी उस वक़्त तो गश खाकर गिर पड़े मगर बाद में बताया कि इस का जवाब सोचते हुए उनके दिमाग़ में एक खिड़की खुली, उस से धुआँ निकला और अर्श की तरफ़ चला गया।
- चण्डीगढ़ ः भारतीय साहित्य परिषद (रजि 0), मोहाली द्वारा तथा साहित्यिक संस्था ‘ मंथन ', चण्डीगढ़ के सहयोग से ‘ सर्वेंट पीपल्स सोसाइटी ', सैक्टर 15, चण्डीगढ़ के तत्वाधान में अमर शहीद लाला लाजपत राय जी की याद में आज 20/11/11 को एक त्रिभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन लाला लाजपत राय भवन, सैक्टर 15, चण्डीगढ़ में किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में सुप्रसिद्ध उर्दू शायर जनाब शम्स तबरेज़ी विराजमान रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार जय गोपाल ‘ अश्क ' ने की।
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